इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंदौर को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) और आरजीपीवी द्वारा आयोजित हुए छह दिवसीय शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। इसमें उद्योग 4.0 और विद्युत वाहन के अनुप्रयोग विषय पर बात हुई। इसका मकसद आइआइटी और एनआइटी जैसे उच्च शैक्षणिक संस्थानों व उद्योगों के अनुभवी विशेषज्ञों के माध्यम से संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करना था। कार्यक्रम में कई कालेजों और विश्वविद्यालयों के 150 से ज्यादा शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में एआइसीटीई के फैकल्टी डेवलपमेंट सेल (एफडीसी) के निदेशक कर्नल बी वेंकट ने शिक्षार्थी केंद्रित शिक्षा और ब्रिज पाठ्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर बात की। द फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट और किंग्स कालेज लंदन के वरिष्ठ शोधकर्ता सुदीप जोशी ने प्रतिभागियों को जैव मुद्रण पौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बारे में जानकारी दी। आरआरकेट के डा. सीपी पाल ने उद्योग 4.0 में योगदान देने वाले लेजर एडटिवि मैन्युफैक्चरिंग विषय पर विचार व्यक्त किए। आइआइआइटीडीएम जबलपुर के प्रोफेसर पीके जैन ने एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग फ्यूचर पर्सपेक्टिव्स एंड चैलेंजेस विषय पर बात की। आइआइटी इंदौर के डा. आइए पल्लानी ने विद्युत वाहन निर्माण में उद्योग 4.0 की भूमिका पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। आइआइटी इंदौर के प्रोफेसर देवेंद्र देशमुख ने प्रतिभागियों को हाइब्रिड वाहन के बारे में बताया। एसवीएनआइटी सूरत के प्रोफेसर केपी देसाई ने ईडीएम में स्वचालन पर बात की। प्रोफेसर पीयूष एन पटेल ने फोटोनिक्स डिवाइस और सेंसर के बारे में विस्तार से बताया। एसजीएसआइटीएस के प्रोफेसर एमएल जैन ने मेडिकल डायग्नोस्टिक्स में उद्योग 4.0 पर बात की। इलेक्टिक वाहन बैटरी में नियंत्रण मोड पर एसजीएसआइटीएस के प्रो. डा. शैलेंद्र शर्मा ने सभी को जानकारी दी।